यूक्रेन को पश्चिमी मिसाइलों की मंजूरी: रूस की कड़ी प्रतिक्रिया और बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चिंताएँ
मॉस्को, 18 नवम्बर 2024: यूक्रेन को अमेरिका और नाटो द्वारा पश्चिमी मिसाइलों के इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद रूस में कड़ी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। इस फैसले ने न केवल रूस और यूक्रेन के बीच तनाव को बढ़ाया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंताएँ बढ़ गई हैं कि यह कदम क्षेत्रीय संघर्ष को कैसे प्रभावित कर सकता है।
रूस की प्रतिक्रिया
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस निर्णय को "एक गंभीर कदम" बताते हुए कहा कि इससे यूक्रेन संघर्ष को और विस्तारित करने की संभावना बढ़ जाती है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने एक बयान में कहा, "यह यूक्रेन को रूसी क्षेत्र में हमला करने की अनुमति देने का एक अभूतपूर्व और खतरनाक कदम है।"
रणनीतिक सम्भावनाएं
पुतिन की अगली रणनीति के बारे में विश्लेषकों का मानना है कि रूस कई दिशाओं में कदम उठा सकता है:
- सैन्य कार्रवाई: रूस ने पहले ही चेतावनी दी थी कि नाटो की मिसाइलों का उपयोग रूस के खिलाफ एक युद्ध के समान होगा। इस स्थिति में, रूस अपने सैन्य कार्यों को आगे बढ़ा सकता है या नए क्षेत्रों पर हमला कर सकता है।
- राजनयिक उपाय: पुतिन शायद राजनयिक मोर्चे पर भी दबाव बढ़ाएंगे, जिसमें संयुक्त राष्ट्र में विरोध प्रदर्शन, या पश्चिमी देशों के साथ वार्ता से पीछे हटना शामिल हो सकता है।
- आर्थिक प्रतिबंध: हो सकता है रूस पश्चिमी देशों के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों का प्रस्ताव दे, खासकर उन देशों के खिलाफ जिन्होंने यूक्रेन को ये हथियार प्रदान किए हैं।
- साइबर हमले: रूस की साइबर युद्ध क्षमताओं को देखते हुए, यूक्रेन या सहयोगी देशों पर साइबर हमले भी एक संभव कदम हो सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस कदम को लेकर विभाजन देखा जा रहा है। जहाँ एक तरफ नाटो देशों ने यूक्रेन की स्वतंत्रता और रक्षा के अधिकार की वकालत की, वहीं दूसरी ओर कई देशों ने चेतावनी दी है कि इससे परमाणु संघर्ष का खतरा बढ़ सकता है। चीन और भारत जैसे देशों ने शांति की अपील की है और संयम बरतने की मांग की है।
यूक्रेन को मिसाइलों के इस्तेमाल की अनुमति देने के निर्णय ने पहले से ही जटिल यूक्रेन-रूस संघर्ष को एक नई दिशा दी है। पुतिन के अगले कदम क्या होंगे, यह अभी भी अनिश्चित है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि रूस की प्रतिक्रिया में तीव्रता और व्यापकता दोनों शामिल हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस स्थिति को संभालने के लिए कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता बढ़ गई है, ताकि क्षेत्रीय तनाव को बढ़ने से रोका जा सके।