अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों के बाद अदानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है।

अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों के बाद अदानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है। 
गौतम अदानी, अदानी समूह के चेयरमैन और दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक, को न्यूयॉर्क में एक मामले में आरोपित किया गया है जिसमें उन पर सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। यह रिश्वत सौदा भारतीय सरकारी अधिकारियों को दी गई थी। यह कार्रवाई भारतीय बाजारों पर भी प्रभाव डाल रही है, जहाँ अदानी समूह के सभी सूचीबद्ध शेयरों का बाजार मूल्य लगभग 2.45 लाख करोड़ रुपये से घट गया है। 

प्रतिक्रिया:
- अदानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट: अदानी समूह के कई शेयरों में 10 से 20% की गिरावट देखी गई, जिससे अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी ग्रीन एनर्जी, और अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस जैसे प्रमुख शेयरों में भारी नुकसान हुआ। अदानी एंटरप्राइजेज के शेयर 20% की निचली सीमा पर बंद हुए।
  
- अदानी की प्रतिक्रिया: अदानी ग्रुप ने इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, उन्होंने पहले हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को सिरे से खारिज किया था जिसमें भी धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था।

- बाजार की प्रतिक्रिया: इस घटना ने बाजार में हलचल मचा दी है, जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगाया है। मूडीज ने कहा है कि यह विकास अदानी समूह की कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग के लिए नकारात्मक है, मुख्य रूप से उनके ऋण प्राप्त करने की क्षमता और शासन प्रथाओं के आधार पर।

- अमेरिकी कार्रवाई: अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DoJ) और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने गौतम अदानी और सात अन्य के खिलाफ आपराधिक अभियोग और नागरिक शिकायत दर्ज की है। यह मामला विदेशी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (FCPA) के तहत दायर किया गया है, जो अमेरिकी कंपनियों और व्यक्तियों को विदेशी व्यापारिक सौदों में भ्रष्टाचार से रोकने के लिए बनाया गया है।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग: अमेरिकी न्यायालय ने गौतम अदानी और उनके भतीजे सागर अदानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं, जो अब विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंपे जाएंगे। हालांकि, भारत और अमेरिका के बीच की प्रत्यर्पण संधि को देखते हुए, भारत किसी भी प्रत्यर्पण अनुरोध का विरोध कर सकता है।

इस घटना ने अदानी ग्रुप की वैश्विक छवि पर फिर से सवाल उठाया है, जो अभी हाल ही में हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से लगाए गए आरोपों से उबर रहा था। यह मामला निवेशकों के विश्वास, कॉर्पोरेट गवर्नेंस और भारत में सरकारी अनुबंधों की प्रक्रिया जैसे मुद्दों को उठाता है।

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