नई दिल्ली, 17 नवंबर 2024 : दिल्ली के परिवहन मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत ने पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के पीछे की वजहों में से एक है पार्टी के भीतर चल रही चुनौतियाँ और 'शीशमहल' विवाद, जिसने दिल्ली सरकार की छवि को नुकसान पहुँचाया है।
कैलाश गहलोत ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि "आज आम आदमी पार्टी को अंदरूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो हमें एक साथ लाने वाले मूल्यों की चुनौती दे रही हैं। राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने हमारी जनता के प्रति प्रतिबद्धता को पीछे छोड़ दिया है, जिसके कारण कई वादे पूरे नहीं हुए हैं।" उन्होंने यमुना नदी की सफाई के वादे को पूरा न कर पाने का उदाहरण देते हुए कहा, "उदाहरण के लिए, यमुना नदी जिसे हमने स्वच्छ करने का वादा किया था, वो अब पहले से कहीं ज्यादा प्रदूषित हो गई है।"
गहलोत ने 'शीशमहल' विवाद की ओर भी इशारा किया, जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा, "इसके अलावा, अब 'शीशमहल' जैसे कई शर्मनाक और असुविधाजनक विवाद हैं, जो लोगों को संदेह करने पर मजबूर कर रहे हैं कि क्या हम अभी भी आम आदमी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखते हैं।"
इस्तीफे के बाद दिल्ली की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गहलोत के इस्तीफे को साहसिक कदम बताया है। दिल्ली BJP के प्रधान वीरेंद्र सचदेवा ने टिप्पणी की, "कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल को आईना दिखाया है और उनके 'लुटेरा गैंग' से अलग होने का फैसला किया है।"
दूसरी ओर, AAP ने इस्तीफे को "गंदी राजनीति और षड्यंत्र" का परिणाम बताया है। AAP के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, "BJP ने कैलाश गहलोत को दबाव में लाकर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया है।"
गहलोत का इस्तीफा दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले AAP के लिए एक बड़ा झटका है। इससे पार्टी की आंतरिक एकता और शासन प्रणाली पर सवाल उठते हैं, जिससे चुनावी माहौल में नई बहस शुरू हो सकती है।
कैलाश गहलोत का इस्तीफा AAP और दिल्ली की राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ी घटना है। यह विवाद न केवल AAP की अंदरूनी समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि आगामी चुनावों में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, यह अभी देखना बाकी है। AAP को अब अपनी छवि को सुधारने और जनता के भरोसे को वापस पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।