दिस्सानायक को भ्रष्टाचार से लड़ने और स्थिरता बहाल करने के वादे पर चुना गया।
कोलंबो, 14 नवंबर 2024 - श्रीलंका में हाल ही में हुए संसदीय चुनावों में, राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की नेतृत्व वाली वामपंथी गठबंधन, नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) ने एक शानदार जीत दर्ज की है। चुनाव आयोग के अनुसार, NPP ने 225 सीटों वाले संसद में 141 सीटें जीत ली हैं, जो एक बहुमत का आंकड़ा हासिल करने के बहुत करीब है।
अनुरा कुमारा दिसानायके, जिन्होंने सितंबर 2024 में राष्ट्रपति चुनाव जीता था, ने जनता से एक नई शुरुआत और देश के आर्थिक संकट से उबरने के लिए एक नई दिशा का वादा किया था। उनकी पार्टी, जनथा विमुक्ति पेरामुना (JVP), जो अब NPP का नेतृत्व कर रही है, ने पूर्व निर्धारित राजनीतिक सत्ता के प्रति आम जनता की निराशा का फायदा उठाया और देश में भ्रष्टाचार और गरीबी के खिलाफ एक मजबूत मंडेट प्राप्त किया।
अनुरा दिसानायके की चुनावी अभियान के केंद्र में थे अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने, भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने, और गरीबी दूर करने के वादे। उनकी गठबंधन ने आम जनता के साथ जुड़ने के लिए एक जमीनी स्तर की रणनीति अपनाई, विशेषकर युवाओं और ग्रामीण आबादी की ओर ध्यान केंद्रित किया, जो 2022 के आर्थिक संकट के बाद सबसे अधिक प्रभावित हुए थे।
श्रीलंका का आर्थिक संकट, जिसने 2022 में देश को अपनी सबसे बड़ी आर्थिक चुनौती का सामना करने के लिए मजबूर किया, वर्तमान चुनावी परिणामों के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक रहा है। ऊंची मुद्रास्फीति, खाद्य और ईंधन की कमी, और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिली बेलआउट पैकेज के बावजूद, आम जनता में असंतोष व्याप्त था। दिसानायके ने इस असंतोष को अपनी ताकत बनाया और अपनी नीतियों के माध्यम से राहत प्रदान करने का वादा किया।
इस जीत से दिसानायके को अपनी सुधारवादी नीतियों को लागू करने के लिए एक मजबूत संसदीय समर्थन मिलेगा। हालांकि, यह भी सवाल उठता है कि NPP कैसे अंतरराष्ट्रीय दायित्वों और IMF के साथ बनाए गए समझौतों को संतुलित करेगी, जबकि उसके आर्थिक सुधारों को अंजाम देगी। विशेषज्ञ इस बात को लेकर सतर्क हैं कि NPP की मार्क्सवादी पृष्ठभूमि श्रीलंका की आर्थिक नीतियों पर कितना प्रभाव डालेगी, विशेषकर जब देश अभी भी आर्थिक स्थिरता की ओर बढ़ रहा है।
सार्वजनिक स्तर पर प्रतिक्रियाएं मिश्रित हैं। जहाँ कई लोगों ने इस बदलाव को स्वागत किया है, जो एक नई दिशा और उम्मीद का प्रतीक है, वहीं कुछ को चिंता है कि एक प्रभावी विपक्ष की कमी से संतुलन बनाए रखने में मुश्किल हो सकती है।
इस जीत के साथ, श्रीलंका अपनी राजनीतिक और आर्थिक दिशा में एक नए अध्याय की ओर बढ़ता दिख रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिसानायके और उनकी गठबंधन कैसे देश के भविष्य को आकार देते हैं।