झांसी मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में भीषण आग, 10 नवजात शिशुओं की दुखद मौत



झांसी: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार की रात एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जहां शिशु वार्ड (NICU) में आग लगने से कम से कम 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। इस भीषण आग के दौरान वार्ड की क्षमता से कहीं ज्यादा 49 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से 37 को बचाया गया।

आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा है। NICU में ऑक्सीजन की मौजूदगी के कारण आग तेजी से फैल गई। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि हादसे के बाद आग पर काबू पाने के लिए वार्ड की खिड़कियों को तोड़ना पड़ा। 

अत्यंत दुखद बात यह है कि आग लगने के बावजूद फायर अलार्म सिस्टम बज नहीं पाया, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई। अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही ने परिजनों के दुख और गुस्से को बढ़ा दिया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को "दिल दहला देने वाला" बताया और तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और इस हादसे की तीन स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी ठहराने के लिए कोई भी बख्शा नहीं जाएगा।

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा तुरंत झांसी के लिए रवाना हो गए हैं। जांच के लिए एक कमिटी बनाई गई है जो 12 घंटों में प्राथमिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। 

इस दुखद घटना ने बच्चों के परिजनों को अपार दुःख में डुबो दिया है। कई परिवार अपने पहले बच्चे को खोने का दर्द झेल रहे हैं। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाई है और मांग की है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

सोशल मीडिया और जनता इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त कर रही है। लोगों ने सरकार और अस्पताल प्रबंधन से इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है।

इस घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य सुविधाओं में सुरक्षा उपायों की महत्ता को उजागर किया है और यह सवाल उठाता है कि ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

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